अशोक कुमार की छह कविताऍं
(1.) पहाड़ी औरतें पहाड़ी औरतें! नज़दीक ब्याही गयीं मगर दूर रहीं ताउम्र वह पार करती रहीं जिंदगी के उतार-चढ़ाव टेढ़े-मेढ़े...
मूलतः चम्बा जिला, हिमाचल प्रदेश से।
वर्तमान में दिल्ली में निवास।
प्रकाशित संग्रह: 'मेरे पास तुम हो' बोधि प्रकाशन से।
सम्प्रति, दिल्ली के सरकारी स्कूल में गणित के अध्यापक के पद कार्यरत।
(1.) पहाड़ी औरतें पहाड़ी औरतें! नज़दीक ब्याही गयीं मगर दूर रहीं ताउम्र वह पार करती रहीं जिंदगी के उतार-चढ़ाव टेढ़े-मेढ़े...
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