मतांधता से सृजनशीलता और विचारशीलता दूर तक नहीं जा सकती: अशोक वाजपेयी
हिंदी के वरिष्ठ कवि-आलोचक, कलाविद् एवं संस्कृतिकर्मी श्री अशोक वाजपेयी इस वर्ष 16 जनवरी को 80 वर्ष के हो गए।...
श्री अशोक वाजपेयी हिन्दी के वरिष्ठ कवि-आलोचक, कलाविद्, संस्कृतिकर्मी हैं। उनका लम्बा काव्य-जीवन 16 कविता संग्रहों और हिन्दी आलोचना की 7 पुस्तकों में प्रति फलित हुआ है। घर-परिवार, पूर्वज, प्रेम, प्रकृति, कलाएँ, समकालीन सामाजिक परिदृश्य आदि उनकी कविता में चरितार्थ होते रहे हैं। उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार, कबीर सम्मान, फ्रांस और पोलैण्ड के उच्च नागरिक सम्मान आदि मिले हैं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत, सैयद हैदर रज़ा आदि पर अंग्रेज़ी में आलोचना पुस्तकें लिखी हैं। वे भारत भवन के संस्थापक, सचिव और अध्यक्ष, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति और केन्द्रीय ललित कला अकादेमी के अध्यक्ष रहे हैं। इन दिनों रज़ा फ़ाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी हैं।
हिंदी के वरिष्ठ कवि-आलोचक, कलाविद् एवं संस्कृतिकर्मी श्री अशोक वाजपेयी इस वर्ष 16 जनवरी को 80 वर्ष के हो गए।...
हिंदी के वरिष्ठ कवि-आलोचक, कलाविद् एवं संस्कृतिकर्मी श्री अशोक वाजपेयी इस वर्ष 16 जनवरी को 80 वर्ष के हो गए।...
© 2024 साहित्यिकी.