तीन कविताएं—भेड़, पर्दे और डिग्री वाला दिन
भेड़ भेड़ों में नहीं होता सही नेतृत्व चुनने का शऊर और चुने हुए ग़लत नेतृत्व को उखाड़ फेंकने का साहस...
ताइवान के शिनचू शहर में खगोल विज्ञान में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो। नेशनल चिंग हुआ यूनिवर्सिटी में अगस्त 2015 से कार्यरत। हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं— हंस, वागर्थ, कथादेश, आजकल, पाखी आदि पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
भेड़ भेड़ों में नहीं होता सही नेतृत्व चुनने का शऊर और चुने हुए ग़लत नेतृत्व को उखाड़ फेंकने का साहस...
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