कविता—अश्रुरंजित अस्मिता
हुआ द्रौपदी का हरण चीर है, फिर भी धर्म परम वीर है। सत्ता के द्युत में भी जब धर्म निहित...
पेशे से वकील निधिजी को कविताएं लिखने का शौक है।
हुआ द्रौपदी का हरण चीर है, फिर भी धर्म परम वीर है। सत्ता के द्युत में भी जब धर्म निहित...
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