ज्योति शोभा की पॉंच कविताएँ
1) खालीपन के बिल में स्त्री नहीं भरती खालीपन को मित्र नहीं भरते दुनिया में चलतीं इतनी साँसें एक खाली...
दुमका (झारखण्ड) में जन्म। अंग्रेजी साहित्य में स्नातक। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं एवं दो कविता-संग्रह प्रकाशित।
कोलकाता में स्वतंत्र लेखन।
1) खालीपन के बिल में स्त्री नहीं भरती खालीपन को मित्र नहीं भरते दुनिया में चलतीं इतनी साँसें एक खाली...
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