दो कविताएँ
■ तुम तोड़ दो तुम तोड़ दो प्रेम में अभिभूत झूमते वृक्ष की सब टहनियां मैं भी रोक देती हूँ प्रेमिल...
सुपरिचित लेखिका। एमफिल (इतिहास)। कहानी-संग्रह 'ज्ञानवादन' प्रकाशित। सामूहिक काव्य-संग्रह 'परिवर्तन' का संपादन। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का नियमित प्रकाशन।
■ तुम तोड़ दो तुम तोड़ दो प्रेम में अभिभूत झूमते वृक्ष की सब टहनियां मैं भी रोक देती हूँ प्रेमिल...
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