पंकज प्रखर मिश्र की सात कविताएँ
(एक) जिन स्त्रियों ने मुझे प्रेम किया... जिन स्त्रियों ने मुझे प्रेम किया मेरे होंठ चूमे भरी दोपहरी में मेरे...
(एक) जिन स्त्रियों ने मुझे प्रेम किया... जिन स्त्रियों ने मुझे प्रेम किया मेरे होंठ चूमे भरी दोपहरी में मेरे...
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