हिंदी कविता की दुर्दशा के दोषी हैं वामपंथी साहित्यकार
आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक अपनी विकास-यात्रा की सहस्त्राब्दी पूरी कर चुकी हिंदी कविता के भाव, भाषा और शिल्प...
मूलत: देवरिया (उत्तर प्रदेश) के रहनेवाले और संप्रति दिल्ली में रहकर पीयूषजी अनेक प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। साहित्य में आपकी विशेष रुचि है और समीक्षक के रूप में आपकी विशिष्ट पहचान है।
आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक अपनी विकास-यात्रा की सहस्त्राब्दी पूरी कर चुकी हिंदी कविता के भाव, भाषा और शिल्प...
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