राकेश मिश्र की दस कविताएँ
सुई थोड़ी मुश्किल से सज्ज होती हैं उँगलियाँ बटन वाली छोटी सुई पर चुभ जाए सहसा तो दर्द होगा रक्त...
30 नवंबर, 1964 को जनपद बलिया में जन्म। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक। उत्तर प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी। तीन काव्य संग्रह ‘‘अटक गई नींद’’, ‘‘चलते रहे रातभर’’, ‘‘जिन्दगी एक कण है’’ राधाकृष्ण प्रकाशन से वर्ष 2019 में प्रकाशित। एक अन्य कविता संग्रह ‘‘शब्दगात’’ वर्ष 2001 में प्रकाशित। एक नया काव्य संग्रह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशनाधीन।
सुई थोड़ी मुश्किल से सज्ज होती हैं उँगलियाँ बटन वाली छोटी सुई पर चुभ जाए सहसा तो दर्द होगा रक्त...
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