उत्तर-पूर्व भारत की सांस्कृतिक एकात्मता
संस्कृति व्यक्ति और राष्ट्र को दृष्टि देती है। जीवन-शैली एवं जीवन-मूल्यों का निर्धारण करती है और विशिष्ट जीवन-दर्शन का निर्माण...
लेखक जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग में प्रोफेसर एवं अध्यक्ष हैं। सत्ता, समाज और सर्वेश्वर की कविता, स्वातंत्र्योत्तर परिदृश्य और राजकमल चौधरी की काव्य-चेतना, हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स और हिंदी का लोक:कुछ रस, कुछ रंग जैसी आलोचना पुस्तकें और हिंदी के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में चालीस से अधिक आलेख प्रकाशित हो चुके हैं।
संस्कृति व्यक्ति और राष्ट्र को दृष्टि देती है। जीवन-शैली एवं जीवन-मूल्यों का निर्धारण करती है और विशिष्ट जीवन-दर्शन का निर्माण...
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