रवि शंकर सिंह की सात कविताएँ
कर्ज़ रोम के भगोड़े गुलाम ने जंगल में दर्द से बेज़ार खूॅंखार शेर के पँजों से निकाला था गहरे धँसा...
जन्म: 04 जनवरी 1992
शिक्षा: स्नातकोत्तर (समाजशास्त्र), यूजीसी-नेट
प्रकाशन: जनपथ, वागर्थ, समहुत, छपते-छपते, अमरावती मंडल, अहा!जिन्दगी, नवलेखन अंक, वागर्थ, परिकथा और कथा पत्रिका में कविताएँ प्रकाशित। विभिन्न पत्रिकाओं में रेखाचित्र, लेख और समीक्षाएँ प्रकाशित।
संग्रह: बाकी सवाल(कविता संग्रह), राजभाषा विभाग, बिहार के अनुदान द्वारा प्रकाशित।
सम्प्रति: शोधार्थी
कर्ज़ रोम के भगोड़े गुलाम ने जंगल में दर्द से बेज़ार खूॅंखार शेर के पँजों से निकाला था गहरे धँसा...
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