विशाखा मुलमुले की छह कविताऍं
(1.) आमद तितलियों को बुलाने फूल उगाए पक्षियों को बुलाने पेड़ लगाए बारिश खुद ही चली आई रहने के लिए...
सुपरिचित कवयित्री। कई प्रतिष्ठित पत्रिकाएँ- आजकल, कथादेश, पाखी, अहा! जिंदगी आदि में कविताएँ प्रकाशित। कुछ कविताओं का मराठी, पंजाबी, नेपाली एवं अंग्रेजी भाषा में अनुवाद। तीन साझा काव्य संकलनों में कविताएँ प्रकाशित। श्री सुधीर सक्सेना की चुनिंदा कविताओं का डॉ. सुलभा कोरे के मार्गदर्शन में मराठी में अनुवाद, पुस्तक का नाम- ‘अजूनही लाल आहे पूर्व’ (अभी भी लाल है पूर्व)।
(1.) आमद तितलियों को बुलाने फूल उगाए पक्षियों को बुलाने पेड़ लगाए बारिश खुद ही चली आई रहने के लिए...
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