1. एक पेड़
कैसे बोया जाए
पाला पोसा जाए
एक पेड़ सचाई का
यह मिट्टी
झूठ के बीजों के लिए
बहुत उपजाऊ होती जा रही है
कैसे
बीजा जाए एक पेड़
सचाई का!
2. बचाने पर कविता
बचाने पर कविताएँ लिखी
गईं हज़ार
किसी ने कहा घास बची रहे
किसी ने कही आस बची रहे
किसी ने कहा धूप बची रहे
किसी ने कहा सूत बची रहे
किसी ने कहा नींद बची रहे
किसी ने कहा ऑंगन में नीम बची रहे
किसी ने कहा नदी बची रहे
किसी ने कहा मौत के मुहाने पर खड़ी यह
सदी बची रहे
किसी ने कहा
अपने बचे रहें
किसी ने कहा सपने बचे रहें।
मैं कहता हूँ बची रहें यह मनुष्य होने की प्रार्थनाएँ
अंतिम क्षणों के बाद तक भी बची रहे कंठ भर प्रेम की प्यास
मरने के निरंतर चक्र में फँसकर भी यह पृथ्वी हरी रहेगी
इसलिए कंठों में प्यास बचाए रखो
ताकि आसमान बरसता रहे।
3. साजिश
तुम्हारे होश में आने को
साजिश बताया जा रहा है।
सावधान!
सनद रहे
यह उनकी सबसे बड़ी साजिश है
तुम्हारे जागने के खिलाफ!
4. एक दिन
जहाँ तुम हो
वहाँ कोई और था
यह बात तुम भूल चुके हो!
उजाला तेरे आंगन में ही नहीं रहेगा
निश्चित ही उग आएगा
एक दिन सूरज
मेरे आकाश पर!
5. नई ज़मीन
वह जानता है पालना
वह जानता है सँभालना
वह बीजना ही नहीं जानता
वह काटना भी जानता है
नई ज़मीन कैसे तैयार करनी है
वह जानता है!
6. उदास मौसम सदा नहीं रहते
उदास मौसम में
खामोशियों को गाता हूँ
तेरे नाम को ओढ़ता हूँ
तेरी यादों को बिछाता हूँ
उदास मौसम में
मैं अकेले पेड़ से बातें करता हूँ
घास से तेरी चुगलियाँ करता हूँ
उदास मौसम में
धरती चुप रहती है
आकाश बोलता है
उदास मौसम में
मैं शब्द बोता हूँ
कविता उगाता हूँ
उदास मौसम में
सब उदास होते हैं
उदास मौसम में
मैं उदास नहीं होता
उदास मौसम में
मैं कल्पनाओं की उम्मीदें
बुनता हूँ
उदास मौसम सदा नहीं रहते।