(१)
मेरा देश, हमारी पहचान।
हम उसे नकारते रहे, धिक्कारते रहे
लाट साहब बने दुनिया घूमते रहे, इतराते रहे।
(२)
मेरा देश उदार।
हर टेढ़ी सोच वाले इंसान को वह
सीधा मानता है।
(३)
मेरा देश एक तराजू।
जिसके हाथ भी आ जाता है
डंडी मार के ले जाता है।
(४)
मेरा देश एक हास्य-व्यंग्य।
अपनी त्रासदियों पर हँसता है
और रात के अँधेरे में चुपचाप रोता है।
(५)
मेरा देश एक नादान बच्चा।
हर कोई एक खिलौना दे कर उसे
फुसला ले जाना चाहता है।
(६)
मेरा देश
एक जल गई रोटी।
किसने सेंका? किसने फेंका?
(७)
मेरा देश, एक मोटा हलवाई।
थाली में छेद करने वालों को
देसी घी की पूरियाँ परोसता है।
(८)
मेरा देश, पूरब में प्रज्वलित एक अग्नि-पिंड।
रोशनी के लिए आज भी जाने क्यों,
पश्चिम में डूबते सूरज का मुँह ताकता है।
(९)
मेरा देश गड्ढों से भरा एक चाँद।
उसे जानने और समझने के लिए
शायद जरूरी है एक चंद्रयान!
(१०)
मेरा देश एक तानाशाह।
हम सब उसके ताने-बाने
और नाजायज़ फरमान।