गजलें
1) जिंदगी को खुशी और गम दे गया मुश्किलों में जीने का हुनर दे गया मेरी जिंदगी की गुरबतें ले...
मूलत: बिहार से। भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। 100 से अधिक कविताएँ एवं ग़ज़लें कादम्बिनी, हंस, आजकल, यथावत, दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, प्रभात खबर, दैनिक भास्कर, पत्रिका आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
संप्रति- भारतीय स्टेट बैंक, स्टेट बैंक भवन, कॉरपोरेट केंद्र, नरीमन पॉइंट, मुंबई-400021 के आर्थिक अनुसंधान विभाग में मुख्य प्रबंधक के रूप में कर्यरत। साथ में आर्थिक एवं बैंकिंग विषय पर केंद्रित पत्रिका "आर्थिक दर्पण" के संपादन का कार्यभार भी।
1) जिंदगी को खुशी और गम दे गया मुश्किलों में जीने का हुनर दे गया मेरी जिंदगी की गुरबतें ले...
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