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Author:
अमित कुमार मल्ल
दस मुक्तक
अमित कुमार मल्ल
—
October 24, 2020
in
कविता
1. रेत के तपते शहर में ख़्वाब झुलस जाते हैं रोशनी के थपेड़ों में, रात सिसकती रही। 2. तहस नहस…
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