दस मुक्तक
1. रेत के तपते शहर में ख़्वाब झुलस जाते हैं रोशनी के थपेड़ों में, रात सिसकती रही। 2. तहस नहस...
जन्म स्थान: देवरिया, उत्तर प्रदेश। शिक्षा: एमए, एलएलबी।
प्रकाशन: 2002 में पहला काव्य संग्रह- 'लिखा नहीं एक शब्द'। 2002 में पहला लोककथा संग्रह- 'काका के कहे किस्से'। 2016 में काव्य संग्रह- 'फिर'। 2017 में अंग्रेजी में काव्य संग्रह- 'Not a word was written'। 2018 में, काव्य संग्रह- 'बोल रहा हूँ'। 2019 में बून्द बून्द पानी, नामक द्विपदी/मुक्तक संग्रह। 2020 में कहानी संग्रह- 'मटमैली जिंदगी प्रकाशित'।
पुरस्कार: 'फिर' पुस्तक पर, राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा डॉ. शिवमंगल सिंह पुरस्कार, 2017।
काव्य संग्रह- 'बोल रहा हूँ', पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा विजयदेव नारायण साही पुरस्कार, 2019।
1. रेत के तपते शहर में ख़्वाब झुलस जाते हैं रोशनी के थपेड़ों में, रात सिसकती रही। 2. तहस नहस...
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