आरती कुमारी की दस कविताएँ
1. तुम कहाँ छुपे हो ईश्वर तुम कहाँ छुपे हो ईश्वर लम्बी लम्बी कोलतार की सड़कें बन गयी हों जैसे...
जन्म : 25 मार्च
शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेज़ी), पीएच.डी. (अंग्रेज़ी), एम.एड.,नेट (शिक्षाशास्त्र)
सम्प्रति : व्याख्याता
प्रकाशन : धड़कनों का संगीत (काव्य- संग्रह) मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा विभाग) द्वारा पांडुलिपि स्वीकृत
संपादन : ये नए मिज़ाज का शहर है (लोकोदय प्रकाशन), बिहार की महिला ग़ज़लकार (लोकोदय प्रकाशन)
सम्मान : चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान, पटना द्वारा गोपी वल्लभ सहाय सम्मान 2013, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा 'उर्मिला कौल साहित्य साधना सम्मान'2018 एवं हिंदीसेवी सम्मान 2018, निराला स्मृति संस्थान, डलमऊ द्वारा 'सरोज स्मृति सम्मान 2018, नवशक्ति निकेतन संस्था द्वारा 'शाद अज़ीमाबादी सम्मान 2020', अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद द्वारा 'राजभाषा शिखर सम्मान 2021' आदि।
1. तुम कहाँ छुपे हो ईश्वर तुम कहाँ छुपे हो ईश्वर लम्बी लम्बी कोलतार की सड़कें बन गयी हों जैसे...
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