चित्रा पंवार की तीन कविताएं
स्त्री पृथ्वी है 1. आसान कहां किसी सूरज के प्रेम में पृथ्वी हो जाना न चुम्बन, न आलिंगन न धड़कनों...
जन्मस्थान: गोटका, मेरठ (उत्तर प्रदेश)।
संप्रति: अध्यापन।
साहित्यिक यात्रा: स्वतंत्र लेखन; दैनिक जागरण, सोच विचार, रचना उत्सव, अरण्यवाणी, गाथांतर, नेशनल फ्रंटियर आदि पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविताएं, कहानियां प्रकाशित तथा कई साझा संग्रहों में कविताएं प्रकाशित।
स्त्री पृथ्वी है 1. आसान कहां किसी सूरज के प्रेम में पृथ्वी हो जाना न चुम्बन, न आलिंगन न धड़कनों...
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