छह प्रेम कविताएं
(१) सखि आओ तुम अलि आओ तुम, काली आंखों में ढेर सारा काजल डालकर, जैसे हर दिन के बाद चली...
जन्म: २८ नवम्बर १९८७
शिक्षा: जैव प्रौद्यौगिकी में एम.टेक और पीएच.डी.।
जैव प्रौद्यौगिकी में विगत चौदह वर्षों से शोध अध्यापन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान प्रसार, विज्ञान पत्रकारिता एवं नवाचार में सक्रियता। प्राच्य विद्याओं एवं ज्योतिष में स्वतंत्र शोध एवं लेखन। विज्ञान गल्प, एकांकी, विज्ञान कविताएँ, जैव प्रौद्यौगिकी की पाठ्य पुस्तकों सहित शिव-पार्वती के लीला रहस्यों पर एक काव्य संग्रह प्रकाशित, समसामयिक लेखन।
लखनऊ में निवास।
(१) सखि आओ तुम अलि आओ तुम, काली आंखों में ढेर सारा काजल डालकर, जैसे हर दिन के बाद चली...
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