डॉ. उर्वशी भट्ट की चार कविताएँ
बोध मैं बहुत रोना चाहती हूँ उन तमाम गलतियों के लिए जिनकी अपराधी मैं स्वयं हूँ हालाँकि, आक्षेप मुझे कुछ...
जन्म: 24 फरवरी, 1980 (डूंगरपुर, राजस्थान)
शिक्षा: एम.ए., बी.एड., बी.जे.एम.सी., राजनीति विज्ञान में पीएच. डी.
प्रथम काव्य संग्रह: 'प्रत्यंचा'
(राजस्थान साहित्य अकादमी के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित) बोधि प्रकाशन, जयपुर
विभिन्न स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में विविध विषय से संबंधित आलेख, कविताओं व शोधपत्रों का प्रकाशन।
स्वतंत्र लेखन व अध्यापन
बोध मैं बहुत रोना चाहती हूँ उन तमाम गलतियों के लिए जिनकी अपराधी मैं स्वयं हूँ हालाँकि, आक्षेप मुझे कुछ...
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