प्रज्ञा मिश्र की तीन कविताएँ
भीष्म प्रतिज्ञा सोचा एक प्रतिज्ञा कर के अब मैं उसको भीष्म करूँ जग चाहे मनुहार करे कुल प्रतिज्ञा की रक्षा...
शिक्षा: कम्प्यूटर एप्लीकेशन से स्नातकोत्तर।
प्रकाशन: शुभांजली प्रकाशन, कानपुर से मुद्रित साझा काव्य-संग्रह 'काव्य चेतना' 2019 में कविताएँ प्रकाशित। 'नवांकुर साहित्य सभा' दिल्ली की सातवीं पुस्तक 'काव्यांकुर 7' साझा काव्य-संग्रह में कविताओं का प्रकाशन। 'इन्नर' काव्य-संग्रह में कविताएँ प्रकाशित।
सम्प्रति: सूचना एंव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत।
भीष्म प्रतिज्ञा सोचा एक प्रतिज्ञा कर के अब मैं उसको भीष्म करूँ जग चाहे मनुहार करे कुल प्रतिज्ञा की रक्षा...
© 2024 साहित्यिकी.