कहानी—घिरनी दादी
“हम नौ साल में बिहा गये थे बेटा. तुम्हारे दादाजी का तब सतरहवाँ साल शुरू हुआ था. हमारी छटपटाहट, हमारा...
शिक्षा: स्नातक (हिंदी), लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय। स्नातकोत्तर (हिंदी), हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय।
प्रकाशन: उपन्यास ‘दोस्ती प्यार यार’ व कविता संग्रह ‘कभी सोचा है’। ‘रेणु प्रसंग’ नामक पुस्तक की संपादिका। ऑल इंडिया रेडियो के सर्वभाषा कवि सम्मेलन में भागीदारी। रमणिका फाउंडेशन में सम्पादिका व अनुवादक के तौर पर योगदान। विभिन्न कहानी संकलनों, प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं तथा वेब पोर्टल्स में रचनाओं का नियमित प्रकाशन। गूगल व हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा ‘है बातों में दम’ की विजेता।
सम्मान: ‘श्री भारत भूषण अग्रवाल सृजनात्मक लेखन पुरस्कार’, ‘वूमेन प्रेस कोर अवार्ड’, ‘विष्णु प्रभाकर साहित्य सम्मान’, ‘नवोदित लेखक (कविता) सम्मान’, ‘एक्सेलेंस इन शूटिंग (राइफ़ल)’, ‘बेस्ट स्टूडेंट, लेडी श्री राम कॉलेज (2003)’
सम्प्रति: कॉपी राइटर (क्वांटम कम्यूनिकेशन्स), स्क्रिप्ट राइटर (आकाशवाणी), रेडियो जॉकी (आकाशवाणी), को-फ़ाउंडर व क्रिएटिव हेड (ब्रीदिंग स्ट्रीट वेब चैनल), बोर्ड ऑफ डायरेक्टर (पश्यन्ती वेबसाइट), इंस्टाग्राम पर लोकप्रिय #HINDICLASS का संचालन
“हम नौ साल में बिहा गये थे बेटा. तुम्हारे दादाजी का तब सतरहवाँ साल शुरू हुआ था. हमारी छटपटाहट, हमारा...
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