प्रीति कर्ण की सात कविताएं
1. जलप्रलय फूल लिखना अनिवार्यता है मैं चाहती हूं कुछ नए खिले अधखिले महकते गंधहीन फूलों की बात लिखूं। मुझे...
बिहार के दरभंगा जिले की मिट्टी से अपनी पहचान रखने वाली। वर्तमान में धनबाद में निवास। समाजशास्त्र में परास्नातक। साहित्य के प्रति विशेष स्नेह। प्रीतिजी अपनी कविताओं में प्रकृति के रंगों की विभिन्नता का यथासंभव समायोजन करने का प्रयास करती हैं।
1. जलप्रलय फूल लिखना अनिवार्यता है मैं चाहती हूं कुछ नए खिले अधखिले महकते गंधहीन फूलों की बात लिखूं। मुझे...
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