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Author:
कल्याणी
कल्याणी की चार कविताएँ
कल्याणी
—
December 10, 2020
in
कविता
धूप का कतरा रेशा रेशा पिघलती हूं मैं तेरे नशे में, मानो एक कतरा धूप का मिला, बरसों के अंधेरे…
34 comments