चहलकदमी
मन के अरण्य मेंभावनाओं की ओस से भीगी कुशा परनंगे पैर घूमना ठीक, इसी प्रकार हैतुम्हारे प्रेम में मेरे मन का होनानम...
शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी साहित्य), बी.एड.
सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन
लेखन विधाएं - कवितायें, कहानियाँ, समसामयिक लेख, रिपोतार्ज, साक्षात्कार आदि।
प्रकाशन/प्रसारण - ’रूह की आवाज़' साझा काव्य संग्रह
गंभीर समाचार, जन संदेश, सुबह सबेरे, नव प्रदेश,कलकत्ता से संचालित हाउस मैगजीन आदि में विभिन्न विधाओं के लेख।
मन के अरण्य मेंभावनाओं की ओस से भीगी कुशा परनंगे पैर घूमना ठीक, इसी प्रकार हैतुम्हारे प्रेम में मेरे मन का होनानम...
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