कविता: संग्रहालय
कूड़ेदान संग्रहालय बन सकता है। टूटे कप और गिलासों का, नकली मोती की टूटी मालाओं का, मलिन कपड़ों का, अनेक...
लखनऊ की निवासी।
लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी एवं आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग में शोधार्थी।
किशोरावस्था से कविता लेखन में रुचि। काव्य-संग्रह अर्थ फायर वॉटर विंड के अलावा कॉन्फ़्लुएन्स मैगज़ीन, एस्पायरिंग राइटर्स सोसाइटी, सेतु बाइलिंगुअल जर्नल, रस्टी ट्रक, कैफ़े डिसेंसस, लिटरेरी यार्ड, हस्ताक्षर, बॉर्डरलेस जर्नल, रिटोरिका क्वार्टरली, आदि पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
कूड़ेदान संग्रहालय बन सकता है। टूटे कप और गिलासों का, नकली मोती की टूटी मालाओं का, मलिन कपड़ों का, अनेक...
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