सुलभा कोरे की तीन कविताएं
खेलती है बारिश खेलती है बारिश पहाड़ों, पेड़ों, नदी, नहरों के साथ खेलती है बारिश सड़कों, घरों, दरों-दीवारों के साथ...
मुम्बई विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए.। एम.एन.डी.टी. से हिंदी साहित्य में पीएच.डी.। अनेक पुस्तकों का मराठी—हिंदी—अंग्रेजी में अनुवाद। कई महत्त्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित।
मुख्य कृतियां:
महाराष्ट्र राज्य साहित्य संस्कृति मंडळ द्वारा मराठी कविताओं का संकलन 'स्पर्शिका'शीर्षक के तहत प्रकाशित।
महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादेमी की ओर से हिंदी कविताओं का संकलन `एक नया आकाश'शीर्षक से प्रकाशित।
ग्रंथाली, मुंबई से मराठी कविताओं का संकलन 'स्पर्श हरवलेले' शीर्षक के तहत प्रकाशित।
'सकळांचा परिमळु'(मराठी) पुस्तक का विजय प्रकाशन, नागपुर से प्रकाशन।
'तासीर' (हिंदी काव्य संकलन)का अंतिका प्रकाशन, गाजियाबाद से प्रकाशन।
'भारतीय समाज: हिंदी सिनेमा और स्त्री'-का अंतिका प्रकाशन, गाजियाबाद से प्रकाशन।
संप्रति, मुख्य प्रबंधक(राजभाषा), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया / संपादक, यूनियन धारा व यूनियन सृजन
खेलती है बारिश खेलती है बारिश पहाड़ों, पेड़ों, नदी, नहरों के साथ खेलती है बारिश सड़कों, घरों, दरों-दीवारों के साथ...
© 2024 साहित्यिकी.