नारी शक्ति के दोहे
नारी तेरे रूप की, महिमा अपरंपार। तू ही है जग की धुरी, तुझ से ये संसार।१। नारी तू तेजस्विनी, तेरे...
जन्म स्थान: जयपुर (राजस्थान)
जन्मतिथि: 5 दिसंबर, 1978
शिक्षा: बी.कॉम., एम.ए.(लोक प्रशासन)
प्रकाशन: देश की अनेक साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं सहित हिंदी-उर्दू की भोपाल से प्रकाशित प्रतिष्ठित पत्रिका 'सुख़नवर', पहले पहल, बानगी, प्रेरना और जयपुर से प्रकाशित प्रतिष्ठित पत्रिका माही संदेश, उत्कंठा, अमृत शिवा, युवा संस्कृति, अलीगढ़ से प्रकाशित अभिनव प्रयास, आस्ट्रेलिया की ई—पत्रिका सृजन आस्ट्रेलिया आदि अनेकानेक पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में निरन्तर प्रकाशन।
ग़ज़ल संग्रह : काव्यांकुर 6 के नाम से साझा ग़ज़ल संग्रह, 3 ग़ज़ल के अल्बम : 'दर्द' 'दो पल' 'माहताब'
भजन का अल्बम : 'मेरे कान्हा जी'
दोहों का अल्बम : 'गो-कथा' गाय पर 108 दोहों का एलबम।
2 किताबें : एक दोहा संग्रह और एक ग़ज़ल संग्रह अभी प्रकाशनाधीन हैं।
उपलब्धि: हिंदी साहित्य को समर्पित संस्था 'नवांकुर साहित्य सभा' द्वारा काव्यांकुर 6 के लिए पूरे भारत से प्राप्त की गई नवोदित कवियों की रचनाओं में अंको के आधार पर चयनित 16 नवोदित कवियों में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
सम्मान :
दिल्ली की साहित्य को समर्पित संस्था 'नवांकुर साहित्य सभा' द्वारा इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में 'नवांकुर साहित्य सम्मान'।
राज सारथी फाउंडेशन द्वारा-तमन्ना उड़ान की 'नारी शक्ति सम्मान'।
युवा संस्कृति राजस्थान युवा छात्र संस्था द्वारा साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए 'विवेकानन्द गौरव सम्मान'।
जी.एल. सैनी मैमोरियल हेल्थ सोसायटी एवं श्री कल्याण संगीत कला संस्थान द्वारा 'कला और साहित्य' के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए देश की शान 'हसरत जयपुरी गौरव रत्न सम्मान'।
नारी तेरे रूप की, महिमा अपरंपार। तू ही है जग की धुरी, तुझ से ये संसार।१। नारी तू तेजस्विनी, तेरे...
मैं इक बेकल-सी नदी, तू सागर बेचैन। तेरे बिन कटते नहीं, अब मेरे दिन-रैन।१। * जब-जब सोचा मैं लिखूँ, कोई...
(1) तेरी महफ़िल में गर ठहर जाते हम तिरी बेरुख़ी से मर जाते तेरा हर ज़ुल्म सह लिया हँसकर छोड़...
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