1. प्रेम का आभास
एक अनंत तक प्रेम को ढूँढा
थक गया हार गया…
कहीं न मिला जिसकी मुझे तलाश थी
दीवारों की पपड़ियों से लेकर
हृदय की अतल गहराइयों तक
एक अदद प्रेम की तलाश की
जिंदगी का पोर-पोर
उधेड़बुन में बदल गया…
सर्द रातों में मैंने
खुद को बोसा दिया…
अनगिनत टूटे हिस्से को समेटकर
प्रेम को ढूँढा मैंने
मगर वह कहीं न मिला…
फिर लगने लगा
प्रेम छद्म है…
जिस तरह टूटा-बिखरा मैं
आभास हुआ कि
दरअसल मेरे हिस्से में
कभी प्रेम था ही नहीं…
केवल और केवल
एक आभास था प्रेम का
जिसके पीछे मैं भागता रहा
मृग की तरह
कस्तूरी कहीं मिल जाए…
2. सदी का प्रेम…
जब समस्त संसार अपने मानिंद में कैद था,
मैंने तुम्हें उस क्षण प्रेम किया…
जब चिड़िया अपने घोसले से निकलकर
सूरज की तपन में उड़ चली,
जब भूख और प्यास से सड़कों के रहवासी
तड़पते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए
उस उजास भरे मौसम में मैंने तुमसे प्रेम किया…
जब इस सदी के सबसे बड़े झूठ ने
सड़कों को वीरान कर दिया…
मैंने देखा शहर को रोते, चीखते, चिल्लाते
रक्त से गाँव की सड़कों को सींचते
मैंने तुमसे उस क्षण भी प्रेम किया…
जैसे कोई कवि
अपनी पहली कविता से करता है…
3. कविता…
जब कोई ठंडा हवा का झोंका
गर्मी का अहसास करा जाए,
जब शब्द मेरे भावों से छलककर
पन्नों के सीने पर उतर आऍं
जब समय और काल,
मेरी चेतना को धरती में धँसा दें…
तब जन्म लेती है एक कविता
जो संशय से परे, कल्पना से दूर
चलने के लिए निकल पड़ती है…
किसी दर्द से कराहते हुए इंसान के पास
मैं अनबूझ माथे पर शिकन लिए…
ढूँढता हूँ, इस रंगबिरंगी दुनिया के
पुरानी तस्वीरों में…
कोई ऐसा शख़्स मिल जाए
जिसे मैं मोहब्बत करूँ…
4. निश्छल प्रेम…
मैं वो लड़का हूँ,
जिसके पास कोई कीमती तोहफ़ा नहीं है।
मेरे पास केवल वक्त है…
तुम्हें देने के लिए इस वक्त…
मेरे पास माँ की टूटी चूड़ी का टुकड़ा है
जो उठा लाया था उसकी याद में घर से
घरों में कैद मानवता की एक कविता है
जो मैं तुम्हें दे सकता हूँ पाबंदियों के बाद
मेरे पास दादी की मीठी कहानियाँ हैं
तुम्हें फोन पर सुनाने के लिए
ये सारी चीज़ें यदि तुम्हें पसंद हों
तो बन जाना मेरी प्रेमिका… इस कठिन दौर में
5. साख…
अजीब देश है मेरा
पाँच महीने की एक गर्भवती स्त्री
कल मर गई बिन ऑक्सीजन के
शायद वह हार गयी इस सिस्टम से
उसकी एक-एक साँस में
दो-दो साँसें चल रही थीं…
लेकिन न किसी ने खोज की
न कोई खबर ली…
पीड़ा से थककर वह
सो गई सिस्टम के पेड़ के नीचे…
मगर अस्पतालों में मची अफरा-तफरी ने
दबा दी उस आवाज़ को
जो उसकी नन्हीं जान ने अंतिम बार
कराहा था पेट के भीतर से,
और इस तरह सिस्टम की साख बच गई
राख होने से पहले…