
सत्यमित्र दुबे* 1. पिछले दो तीन दशकों के हिंदी लेखन पर नजर दौड़ाने से यह बात स्पष्ट होती है कि…
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सन् 1893 में एनी बेसेंट ने थियोसाफिकल सोसाइटी का नेतृत्व अपने हाथों में लिया। उन्होंने सन् 1898 में काशी में…
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किसी पुस्तक को पढ़ते हुए लगता है, हम सहसा इतिहास के ऐसे ‘चौराहे’ पर चले आए हैं, जहाँ से हमारी…
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लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि (8 अक्टूबर) पर विशेष आलेख किसी भी उदार, गतिशील एवं जागरूक समाज में विमर्श…
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भारत एक बहु भाषा-भाषी देश है जहाँ चार सौ से भी अधिक भाषाएँ बोली जाती है लेकिन सबसे ज्यादा बोली…
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साहित्य को लेकर चिंताएं फिर बढ़ने लगीं हैं। भूमंडलीकरण और इलेक्ट्रानिक माध्यमों के कुहरीले घटाटोप में उसके स्वरूप के दबने,…
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राष्ट्र – राज्य की अवधारणा में मुख्य बात है भूमि की पवित्रता का भाव और वहां पर रहने वाली जनता…
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साहित्य और मीडिया की दुनिया में जिस तरह की बेचैनी इन दिनों देखी जा रही है। वैसी पहले कभी नहीं…
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आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक अपनी विकास-यात्रा की सहस्त्राब्दी पूरी कर चुकी हिंदी कविता के भाव, भाषा और शिल्प…
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