स्वाति शर्मा की पाँच कविताएँ
1. अपंग हमारे बारे में सोचते हुए हम दोनों की भावुक अयोग्यताएँ न देखो न सोचो कि हमें योग वाला ...
1. अपंग हमारे बारे में सोचते हुए हम दोनों की भावुक अयोग्यताएँ न देखो न सोचो कि हमें योग वाला ...
पूस की हाड़-कंपा देने वाली ठंड से सड़कें सांय-सांय कर रही थीं। आदमी तो क्या जानवर भी दुबक कर बैठे ...
एक ●●● जब तक पीठ पर बच्चे को बाँधकर रणक्षेत्र में कूदती न दिखे स्त्री, संसार ये मानता ही नहीं ...
1. तुम कहाँ छुपे हो ईश्वर तुम कहाँ छुपे हो ईश्वर लम्बी लम्बी कोलतार की सड़कें बन गयी हों जैसे ...
(1) बोलो कितने साल लगेंगे, मन को अब समझाने में। पागल सपनों को क्यों अब भी नींद नहीं है आ ...
1. ज़िंदगी ज़िंदगी छोटी हो चली और सपने बड़े...बहुत बड़े इतने कि, हमने छोटे छोटे सपनों का गला घोंट दिया ...
रंग मुझे वे सारे रंग पसंद हैं जो मेरी नानी को पसंद थे लाल नारंगी हरे पीले बिल्कुल चटकीले रंग ...
1. सर्द मौसम सर्द मौसम के साथ सर्द हुई संवेदनाओं से कैसे लिखे कोई प्रेमगीत ये उदासी के शोकगीत किसी ...
शहरी भेड़िए तुम्हारे गाल पर पड़े मेरी उँगलियों के निशान मेरी सच्चाई की गवाही हैं कि मैं तुम्हारी तरह कोई ...
1. सदाबहार के फूल नहीं बिछाए गए किसी स्वागतोत्सुक गलियारे में गले के हार के हिस्से का धागा नहीं पिरोया ...
1. बारूद समय के बच्चे बारूद समय के बच्चे चुग लाए हैं कहीं से ढेर सारी तीलियाँ/ खेल रहे हैं ...
1. प्रार्थना और कामना एक युवा ने कामना की अपने लिए एक अक्षत योनि की हँसने लगीं संसार भर की ...
लैपटॉप का बटन शिखा ने डरते-डरते ऑन किया। फिर से चैटिंग पर गई, कई नए आईडी से कई सारे मैसेज ...
मन की बात आओ बैठो कुछ देर, बातें करें मन की कुछ 'तुम' कहो कुछ 'मैं' भी जो कहा नहीं ...
अशोक वाजपेयी के 82वें जन्मदिन पर विशेष दुर्ग (म.प्र.) में जन्मे, दिल्ली में पढ़े-लिखे, भारतीय प्रशासनिक सेवा में अधिकारी रहे ...
स्त्री पृथ्वी है 1. आसान कहां किसी सूरज के प्रेम में पृथ्वी हो जाना न चुम्बन, न आलिंगन न धड़कनों ...
1. एक रंग अपना रखना उसने अपनी मुट्ठी में हजारों रंग समेटे थे एक रंग मायके का दुजा ससुराल का ...
1. हर रात की सुबह होती है एक लंबे युग तक स्त्रियों की दुनिया ऊँची दीवारों और मोटे काले परदों ...
चोरी करना होता होगा एक जमाने में पाप! आज चोरी करना एक कला है, सयानापन है, सफलता की कुंजी है ...
आज (10 जनवरी) दुनिया भर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस मनाने का विचार प्रस्तुत किया ...
बरेली (उ.प्र.) में जन्मे, बरेली में पढ़े-लिखे और बदायूँ में शिक्षक रहे मधुरेश (जन्म-10.01.1939) का मूल नाम रामप्रकाश शंखधर है. ...
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