लेखकीय एवं संपादकीय काहिली तथा हिन्दी का बिगड़ता स्वरूप
ब्रज बिहारी कुमार विश्व की सभी भाषाएँ दूसरी भाषाओं से शब्द ग्रहण करती है और विकसित होती हैं। अंग्रेजी में ...
ब्रज बिहारी कुमार विश्व की सभी भाषाएँ दूसरी भाषाओं से शब्द ग्रहण करती है और विकसित होती हैं। अंग्रेजी में ...
1. अंगीठी... सुनो प्रिय, फिर एक कविता उतर आई थी, सर्द रातों की ठिठुरन को चीरते हुए, ज़हन में, जिसमें ...
कूड़ेदान संग्रहालय बन सकता है। टूटे कप और गिलासों का, नकली मोती की टूटी मालाओं का, मलिन कपड़ों का, अनेक ...
अभी इश्क़ लिखने का दिल नहीं है मैं कोशिशें हज़ार करता हूँ मगर रूह है कि सिहर जाती है नज़र ...
एक साहित्यकार की साधना समाज के विकास एवं कल्याण की साधना है। सामाजिक बदलाव में साहित्य की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती ...
ब्यूटिया मोनोस्पर्मा अभी चार दिन पहले ही तो दुलहंडी थी बसंत शान से ऐंठा हुआ था कुछ कपोलें फूट चुकी ...
(1.) जवान हो रहा मेरा गाँव इन दिनों मैं मिल रहा हूँ उस मिट्टी से पहाड़ से नदी से जंगल ...
१. खिड़कियाँ हमारे बीच के शून्य में असंख्य खिड़कियाँ थीं, जो खुलती थीं उस पार। झाँककर देखने के बजाय गिरने ...
किताब का नाम : बीज ने छू लिया आकाश (कविता संग्रह) कवयित्री : आशमा कौल पृष्ठ संख्या : 112, मूल्य ...
नारी तेरे रूप की, महिमा अपरंपार। तू ही है जग की धुरी, तुझ से ये संसार।१। नारी तू तेजस्विनी, तेरे ...
यदि आपको चाहिए 'प्रगतिशीलता' की प्रतिनिधि कोई कविता जो हो 'अकादेमी' के लिए सर्वोत्कृष्ट! जिसे पढ़कर सजी-धजी किसी सभा में ...
1. चुप रहना कभी कभी चुप रहना चुप रहना नहीं होता उस मौन का महत्त्व बस घटित होता है मौन ...
1. मैं जो हूँ वही कहलाने से डरता हूँ डरता हूँ कि कहीं किसी जागरूक क्षण में अपनी ही उँगली ...
दुआ दरगाह के धागे में बंधती मंदिर के दीये में जलती गिरिजा की ख़ामोशी में बसती ताबीजों में बंद सिसकती ...
खच्च्!! —मौत के अपराजेय जबड़े ने कौर भरा; अबकी एक आकर्षक युवा ज़िंदगी निवाला है। इंजीनियर गुलाल अपनी हालिया शुरू ...
कवि: निकानोर पार्रा निकानोर पार्रा चिली और लेटिन अमेरिका के एक बड़े कवि हैं। युवा कवि डॉ. देवेश पथ सारिया ...
(१) मेरा देश, हमारी पहचान। हम उसे नकारते रहे, धिक्कारते रहे लाट साहब बने दुनिया घूमते रहे, इतराते रहे। (२) ...
वो मुझसे प्रेम करता था मैं उसे प्रेम करती थी वो मेरा ख़्याल रखता था मैं उसका ख़्याल रखती थी ...
मैं इक बेकल-सी नदी, तू सागर बेचैन। तेरे बिन कटते नहीं, अब मेरे दिन-रैन।१। * जब-जब सोचा मैं लिखूँ, कोई ...
समीक्ष्य पुस्तक 'क्षितिज पर एक पगडंडी' कविवर वरुण कुमार तिवारी की प्रतिनिधि कविताओं का संकलन है। डॉक्टर शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी ...
हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित विश्व प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री कैलाश सत्यार्थी की पुस्तक “कोविड-19: सभ्यता ...
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