
शिव कुमार बटालवी के गीतों में ‘बिरह की पीड़ा’ इस कदर थी कि उस दौर कीप्रसिद्ध कवयित्री अमृता प्रीतम ने…
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राष्ट्र – राज्य की अवधारणा में मुख्य बात है भूमि की पवित्रता का भाव और वहां पर रहने वाली जनता…
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साहित्य और मीडिया की दुनिया में जिस तरह की बेचैनी इन दिनों देखी जा रही है। वैसी पहले कभी नहीं…
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प्रेमचंद के जीवन, साहित्य, विचार के अध्ययन और दुर्लभ अनुसंधान के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं कमलकिशोर गोयनका।…
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आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक अपनी विकास-यात्रा की सहस्त्राब्दी पूरी कर चुकी हिंदी कविता के भाव, भाषा और शिल्प…
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एक सीप, पा समंदर को मचल उठी; इतरा उठी पा गई वह शांति सागर की उत्तुंग लहरों में खुद को…
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एक तरफ है उपन्यास सम्राट और कथा सम्राट प्रेमचंद की कालजयी कृति ‘गोदान‘ उपन्यास की कथा। तो दूसरी तरफ है…
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